धारा 370 ...सच क्या है..
चुनावी प्रचारों के दौरान जब भाजपा ने संविधान की धारा 370 के बारे में चर्चा की और कहा कि उनकी सरकार बनने पर इस धारा को निष्प्रभावित कर दिया जाएगा,
तो अब्दुल्ला परिवार से जबरदस्त विरोध हुआ. बाकियों से जो विरोध हुआ सो अलग. सामाजिक मंचों पर भी
तरह-तरह
की बातें
हुईं कि इसे बनाए रखना चाहिए या नहीं. इसके रहने के क्या फायदे या नुकसान हैं ?
कईयों ने यहां तक कह डाला कि मोदी को इसका ज्ञान नहीं है कि संविधान की धारा 370 में है क्या ? औरों ने कहा अब्दुल्ला जी एक बार फिर संविधान और धाराएं पढ़ लीजिए. अंततः अब्दुल्ला जी ने कह दिया कि धारा 370 को निर्मूल करना या आमूल-चूल अप्रभावित करना भारतीय संविधान के तहत असंभव है.
बात यहाँ आकर रुक गई.
अब
जब चुनाव संपन्न होने को हैं – उमर अब्दुल्ला बोल पड़े. यदि संविधान की धारा 370 को अप्रभावी कर दिया गया, तो काश्मीर भारत के साथ
नहीं रह जाएगा.
मेरी समझ में यह नहीं आ रहा है कि यदि अब्दुल्ला जी के कथनानुसार यदि धारा 370 को अप्रभावी नहीं किया जा सकता, तो अप्रभावी करने के परिणाम पर क्यों सोचा जा रहा है.
मुझे आदित्य जी के कविता की कुछ पंक्तियाँ याद आ रही हैं –
बेदाम चीज थी
तो उस पे’
दाम क्यों लिखा ?
तुम रति ही
नहीं थीं, तो
मुझे काम क्यों
लिखा?
जब प्यार ही
नहीं था मुझसे,
फिर तो यूँ
कहो,
चुपचाप हथेली पे’
मेरा नाम क्यों
लिखा?
अब्दुल्ला जी या तो आप गलत कह रहे थे या फिर अब गलत कह रहे हैं...
जरा सोचिए.. सही क्या है...और डर क्यों है...
लक्ष्मीरंगम
धारा 370
abdulla ji ko lag raha hai ki agar dhara 370 gai to unki satta khatam........
जवाब देंहटाएंहाँ, अब देखें क्या होता है.. इधर भाजपा सरकार 370 हटाने पर अड़ी है , उधर अफगान में जिहादी आने वाले हैं - काश्मीर को आजाद करने के लिए...हम उम्मीद कर रहे हैं कि अच्छे दिन आने वाले हैं... इंतजार कीजिए.
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