मंगलवार, 1 अक्टूबर 2013

आधार और चारा...




            राजनाति के गर्माने से पहले ही शायद माहौल गरमा रहा है.

        अब देखिए... सर्वोछ्च न्यायालय के आदेश के परिप्रेक्ष्य में अब   
        आधार ( कार्ड) निराधार ही हो गया है.
        
         अब यह आवश्यक नहीं है.

        श्रीमान नीलकेनी के सपने... चकनाचूर हो गए...

         आज भी कई लोग आधार पंजीकरण के बाद भी कार्ड की बाट 
         जोह रहे हैं.. 
       
         उन सबको यह खबर साँत्वना देगी.
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         उधर दूसरी तरफ लालूजी के चारा घोटाला का निर्णय आता 
         दीख रहा है.
  
          न्यायालय ने दोषी तो कहा, पर सजा सुनाना अभी बाकी है...
  
          देखें क्या खबर आती है...

          इतने कम समय में ऐसे तीन प्रमुख निर्मय माहौल गरमाने 
          के लिए बहुत है.
          
          खास तौर पर जब चुनाव सामने हों.


               अयंगर.

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