भारत सरकार ने एक रुपए से कम के सिक्कों का प्रचलन बंद करवा दिया है.
लेकिन आज भी वस्तुओं की कीमत रुपए एवं पैसों में होती है.
सरकार को शायद इसकी जानकारी नहीं है ( जो संभव सा नहीं लगता)
या फिर सरकार अनदेखा कर रही है. क्यों?
क्या सरकार सिक्कों का प्रचलन चालू रखना चाहती है ?
हँसी तो तब आती है जब सिक्कों का प्रचलन बंद घोषित करने वाली सरकार
रेल्वे स्टेशनों पर सिक्कों की कमी दूर करने लिए वेंडिंग मशीन लगाने की बात करती है।
सरकार के किस कदम पर भरोसा करे?
किस पर भरोसा करें...
..........
अयंगर.