गुरुवार, 20 नवंबर 2014

काला पेंदा.

काला पेंदा.

कभी बचपन में पढ़ा था, बाद में देखा भी कि रत्ती के पेंदे पर काला दाग होता है, या यूँ कहिए कि रत्ती का पेंदा काला होता है. लेकिन इसकी जानकारी से परे वह सबके दागों को उजागर कर हँसता रहता है. कहते हैं रत्ती को तो खुद पता नहीं कि उसका खुद का पेंदा काला है.

करीब वैसे ही कुछ हालात हाल ही में देखने को मिले.

31 अक्टूबर के  दिन,. राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्ति, शक्ति स्थल पर जाकर इंदिरा गाँधी को श्रद्धांजली दे आए. किंतु हमारे प्रधान मंत्री मोदी जी ने ऐसा नहीं किया. यह उनका अपना निर्णय था. किसी ने इस पर कोई टीका टिप्पणी नहीं की गई. बहुत अच्छा लगा कि जनता समझदार हो गई है और ऐसे तुच्छ सवालों – जवाबों से अब वह ऊपर उठ चुकी है. वैसे प्रधान मंत्री की हैसियत से, एक पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजली अर्पित करना, शायद उनका नैतिक न सही, राजनीतिक कर्तर्व्य बनता है, ऐसी मेरी विचार धारा है.

उधर जामा मस्जिद के इमाम बुखारी ने एक दावत में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ को न्योता दे डाला. अब इस पर बवाल मच गया. दो – तीन दिन टी वी पर यह खबर चली कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आमंत्रित हुए, किंतु भारत के प्रधान मंत्री को न्योता नहीं. जहाँ तक मैं जान सका हूँ यह कोई राजनीतिक मसला नहीं था. शायद बुखारी अपने उत्तराधिकारी का चयन करना चाहते थे या उसके लिए रास्ता आसान करना चाहते थे, जिसमें इस्लामिक नेताओं की बात चलती है.

इसके तुरंत बाद एक और घटना. काँग्रेस ने नेहरू वर्धंंति के बाद पचासवें जन्मदिनोत्सव पर मोदी को आमंत्रित नहीं किया. मोदी की तयशुदा चाल अब परंपरा बन गई. अब खुद मोदी के साथी कहते फिर रहे हैं कि देश के प्रधान मंत्री को आमंत्रित नहीं किया किंतु विदेशों से नेता आमंत्रित किए गए. काँग्रेस कहती है कांग्रेस के नेहरू जन्मोत्सव है, इसलिए काँग्रेस ने उनकी विचार धारा वालों को ही आमंत्रित किया है.

बात अब कुछ - कुछ समझ में आने लगी है. मोदी की तरह हर कोई अपने अपने विचारों के अनुरूप कार्य कर रहा है.

अब कहिए इसका श्रेय किसको दिया जाए. मेरे मत से श्रेय तो मोदी को ही मिलना चाहिए कि उनने एक नई परंपरा शुरु की है. यदि ऐसा न हो तो मेरे राज्य का मुख्य मंत्री , मेरे शहर के जिलाध्यक्ष, मेरे घर आ धमकेंगे कि मैंने अपने बेटे की शादी में राज्येतर मेहमान बुलाए किंतु राज्य के मंत्रियों और जिलाध्यक्षों को नहीं बुलाया... मेरा हाल क्या होगा???

मैं न तो मोदी के समकक्ष हूँ, न ही नेहरू के और न ही इमाम बुखारी के... जब इनमें आपस में ठन गई, तब मैं तो बरबाद हो जाऊंगा...


लक्ष्मीरंगम.
8462021340


काला पेंदा,