मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

हिंदी.....

देर से ही सही......

आज की अखबारों की खास खबर पढ़कर मन प्रफुल्लित हो गया. 

हिंदी के प्रबंधकों को कब समझ आएगी सवाल का जवाब मिल गया.

अंततोगत्वा सही निर्णय लिया गया.

गृहमंत्रालय की ओर से जारी परिपत्र (सर्कुलर) में जटिल हिंदी शब्दों के स्थान पर उनके अंग्रेजी पर्याय को देवनागरी लिपि में लिकने के लिए अनुशंसा (रिमंडेशन) की है. इससे कई हिंदी भाषी अब बेझिझक हिंदी में लिकने को प्रेरित होंगे. इससे स्वाभाविकत: हिंगृदी की उपयोगिता कॉफी बढ़ेगी. जटिल शब्दों की वजह से हिंदी लिखना सामान्य हिंदी बाषियों के लिए भी कठिन हो गया था. अब यह कठिनाई दूर कर दी गई है.

अखबारों के अनुसार सर्कुलर मे (कुछ) निम्न उदाहरण दिए गए हैं : -

मिसिल  फाईल
प्रत्याभूति गारंटी
कुंजपटल  की-बोर्ड
संगणक  कम्प्यूटर

संक्षेप में कहा जाए तो सर्कुलर में देव नागरी लिपि की आदत डालने के लिए उर्दू, अंग्रेजी व क्षेत्रीय भाषाओं के लोकप्रिय शब्दों के प्रयोग पर जोर दिया गया है.

भगवान ऐसी बुद्धि बरकरार रखे. जिससे अपनी भाषा का सही विकास होता रहे.

एम.आर. अयंगर.